Mouse Example
Rajeev Tiwari
कंप्यूटर माउस की खोज (Invention of the First Computer Mouse)
कंप्यूटर माउस को कंप्यूटर के युग की एक अदभुत खोज मानी जाती है क्योकि कंप्यूटर माउस की खोज के साथ ही एक नये कंप्यूटर युग की शुरुआत हुई। आज मैं आपको कंप्यूटर माउस के बारे में बताऊंगा की उसकी खोज किसने और कैसे की।
कंप्यूटर माउस की खोज डगलस एंजेलबर्ट ( Douglas Engelbart ) ने बिल इंग्लिश (Bill English) की सहायता से सन 1960 के दौरान की तथा १९७० को इसका पेटेंट कराया गया। जब Douglas Engelbart ने माउस की खोज की थी उस समय डगलस स्टेनफोर्ड रिसर्च इंस्टिट्यूट (Stanford Research Institute) में कार्य कर रहे थे। सर्वप्रथम माउस को मूल रूप से "एक प्रदर्शन प्रणाली के लिए XY स्थिति संकेतक" (X-Y Position Indicator for a Display System") भेजा गया था। तथा माउस का पहली पर प्रयोग १९७३ में जेरोक्स ऑल्टो कंप्यूटर सिस्टम के साथ में किया गया था। डगलस का ये माउस आल्टो कंप्यूटर (Alto computer) पर कर्सर को हिलाने मे सक्षम था। पहले माउस का प्रयोग सबसे पहले एप्पल लिसा कंप्यूटर (Apple Lisa computer) पर किया गया था।इस प्रथम माउस की जानकारी आज भी न्यू मैक्सिको के संग्रालय में सुरक्षित है।और कंप्यूटर माउस का उदहारण है ये माउस लकड़ी का बनाया गया था जैसा की आप चित्र में देख सकते है। ये माउस आज के आधुनिक माउस से कई गुणा बड़ा था। और इस माउस के राईट साइड वाले कोने पर एक बटन था।
कम्प्यूटर माउस के प्रकार (Types of Computer Mouse)
वर्तमान में माउस के बिना कम्प्यूटर पर वर्क करना बहुत ही कठिन काम है आज माउस कंप्यूटर का एक अति इम्पोर्टेन्ट पार्ट बन गया है। आज बाजार में विभिन प्रकार के माउस उपलब्ध है। यहाँ हम आपको माउस के विभिन्न प्रकारो के बारे में बतायेगे।
1. सामान्य माउस:-
इन माउस का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है। इन माउस केबल होती है जिसकी सहायता से ये कम्प्यूटर से जुड़े होते है। ये वे माउस है जिन्हें सामान्यतः कम्प्यूटर के साथ देखते है।
वायरलेस माउस:-
ज्यादातर कम्प्यूटर माउस कम्प्यूटर जुड़ने के लिए रेडियो फ्रेकवेंसी प्रयोग करते है। इन माउस में एक ट्रांसमीटर और एक रिसीवर लगा होता है। ट्रांसमीटर आपके हाव भाव को पहचानकर सिग्नल के द्वारा कम्प्यूटर तक सिग्नल भजता है और जो रिसीवर कम्प्यूटर से जुड़ा होता है। उस सिग्नल को पकड़ता है और उस सिग्नल को कम्प्यूटर की लेंगुएज में बदलकर आपके माउस ड्राइवर तक भजता है जिसके आधार पर कम्प्यूटर डेस्कटॉप पर माउस काम करता है।
ब्लूटूथ माउस :-
ब्लूटूथ माउस भी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर वर्क करते है। ब्लूटूथ तकनीक के द्वारा आप केवल माउस को ही नहीं बल्कि प्रिंटर, हेडसेट, कीबोर्ड आदि यंत्रो को भी कम्प्यूटर से आसानी से जोड़ सकते है। इसके लिए आपके कम्प्यूटर ब्लूटूथ अडॉप्टर का होना आवश्यक है। ताकि कम्प्यूटर में ब्लूटूथ चल सके और वो ब्लूटूथ के सिग्नल को रिसीव कर सकते। ब्लूटूथ माउस की रेंज लगभग 10 मीटर तक होती है।
RF माउस:-
इसके माउस के लिए एक रिसीवर को USB की तरह अपने कम्प्यूटर में लगाना होता है ये सिर्फ आपके उस कम्प्यूटर माउस के ही सिग्नल को लेगा जिसको आपने कम्प्यूटर के साथ कनेक्ट किया है। ये माउस 30 फीट तक की दुरी तक वर्क कर सकते है।
बायोमैट्रिक माउस:-
ये माउस एडवांस माउस होते है इन माउस को सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। ये टेक्नोलॉजी बस उस माउस को वर्क करने किए अनुमति देता है। जिस माउस को आपके कंप्यूटर में मान्यता प्राप्त हो। इसमें आपके फिंगर प्रिंट को भी सिग्नल के रूप में लिया जाता है। ताकि आपके माउस को आपके अलावा को और न प्रयोग कर सके। इस माउस को इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करना होता है जो कि आपको इस माउस को खरीदते समय माउस के साथ मिलेगा। आपको इस सॉफ्टवेयर को install करके अपने फिंगर प्रिन्ट को रजिस्टर करके स्टोर करे।और आपने माउस को आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
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