Images catch

                          Rajeev Tiwari

इमेज कैप्चर करने की विधियां (Methods of Image Capture)

डिजिटल इमेज कैप्चर एक कैमरा या स्कैनर का उपयोग करके सीधे डिजिटल इमेज फ़ाइल बनाने की प्रक्रिया है। एक मूल इमेज को एक एनालॉग से डिजिटल किया जा सकता है जैसे कि एक तस्वीर। डिजिटलीकरण प्रक्रिया के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की आवश्यकता होती है। हार्डवेयर की पसंद मुख्य रूप से स्रोत इमेज की प्रकृति और कैप्चर की इच्छित गुणवत्ता पर निर्भर होगी।
विभिन्न इमेज कैपचरिंग डिवाइस जैसे डिजिटल कैमरा तथा स्कैनर का उपयोग करके इमेज कैप्चर करने के विभिन्न तरीके हैं| इस पोस्ट में हम स्कैनर और डिजिटल कैमरे के द्वारा इमेज कैप्चर करना सीखंगे आइए देखते है की स्केनर की सहायता से इमेज को कैसे कैप्चर किया जाता है|

स्कैनर  द्वारा इमेज कैप्चर करना

  • WIA अर्थात विंडोज इमेज एक्टिवेशन (Window image Acquition) स्केनर के साथ आए सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के पश्चात स्केनर को अपने कंप्यूटर से जुड़े|
  • कोरल पेंट शॉप प्रो फोटो अथवा किसी अन्य इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर में निम्न का चुनाव करें-
    • सबसे पहले File Menu पर क्लिक करें इसके बाद Import ऑप्शन को सिलेक्ट करें|
    • अब From scanner or Camera पर क्लिक करें|
    • ऐसा करने पर स्केनर का इंटरफ़ेस प्रदर्शित होता है|
    • अपने इमेज को स्कैनर क्लास पर रखिए|
    • स्कैनिंग ऑपरेशन को शुरू करने के लिए कॉपी बटन को दबाएं|
    • अपनी स्क्रीन पर प्रदर्शित होने वाले निर्देशों का पालन करें

डिजिटल कैमरा द्वारा इमेज कैप्चर करना

स्कैनर की तरह डिजिटल कैमरा से भी इमेज बनाई जा सकती हैं, एक डिजिटल कैमरे में इमेज को बेहतर बनाने के लिए कई विकल्प होते हैं जिसके लिए हमेशा ही फ्लैट दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है । डिजिटल कैमरे इमेज को कैप्चर करते हैं और फिर कैमरे पर इमेज को तुरंत पेश करते हैं, आधुनिक कैमरों के अधिकांश हिस्से आपको उन इमेजेस मे सुधार करने या फ़िल्टर करने की अनुमति देते हैं जिन्हें स्टोर किया गया है।
डिजिटल कैमरे से इमेज कैप्चर करने के 3 तरीके हैं प्रत्येक तरीका सेंसर की हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन तथा कलर प्रिंटर्स पर आधारित होता है
पहले मेथड को प्रायः कैमरे का सेंसर कितनी बार कैमरे के लेंस से आने वाली लाइट से एक्सपोज हुआ है, उसके रिफरेंस को सिंगल शॉट कहते हैं|
दूसरे मेथड को मल्टीशॉट कहते हैं क्योंकि सेंसर तीन या ज्यादा बार अपर्चर की ओपनिंग के तहत इमेज से एक्सपोज हुआ है|
तीसरे तरीके को स्कैनिंग कहते हैं क्योंकि सेंसर फोकल प्लेन के तहत ऐसे मूव करता है जैसे डेक्सटॉप स्केनर में करता है|

Written by Rajeev Tiwari

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